जागते हुए शब्दों के बीच
सोते हुए अर्थों में
बंद एक किताब
अपने में समेटे
कई- कई इतिहासों की पुनरावृत्ति
भूगोल की नयी परिभाषाएं
जीत से हार और
हार से जीत का मनोविज्ञान
समस्याओं से संघर्ष
परास्त होते हौसलों को
जुटाने का सामर्थ्य
विडंबनाओं का आर्तनाद
खण्ड-खण्ड में विभाजित
हर खण्ड का अपना तिलिस्म
मृग मरिचिकाओं की
लंबी फेहरिस्त
आशाओं की उड़ान का
थक कर ,
अंतिम पड़ाव पर ठहर जाना
सब कुछ लिपटा है
पाकीज़ा ज़िल्द में
है तैयार
होने को अनावृत्त
बीच से खोल कर
या कुछ पन्ने पलट कर
मत देना प्रतिक्रिया
सहज अभिव्यक्ति पर .
पढना मुझे ,
ऊपरी आवरण से
अंतिम पृष्ठ तक
फिर करना
मेरे मूल्य का निर्धारण
बदलते समय में
कुछ एडिटिंग के बाद
फिर आऊँगी
नए आवरणों में
नए नामों के साथ .
सोते हुए अर्थों में
बंद एक किताब
अपने में समेटे
कई- कई इतिहासों की पुनरावृत्ति
भूगोल की नयी परिभाषाएं
जीत से हार और
हार से जीत का मनोविज्ञान
समस्याओं से संघर्ष
परास्त होते हौसलों को
जुटाने का सामर्थ्य
विडंबनाओं का आर्तनाद
खण्ड-खण्ड में विभाजित
हर खण्ड का अपना तिलिस्म
मृग मरिचिकाओं की
लंबी फेहरिस्त
आशाओं की उड़ान का
थक कर ,
अंतिम पड़ाव पर ठहर जाना
सब कुछ लिपटा है
पाकीज़ा ज़िल्द में
है तैयार
होने को अनावृत्त
बीच से खोल कर
या कुछ पन्ने पलट कर
मत देना प्रतिक्रिया
सहज अभिव्यक्ति पर .
पढना मुझे ,
ऊपरी आवरण से
अंतिम पृष्ठ तक
फिर करना
मेरे मूल्य का निर्धारण
बदलते समय में
कुछ एडिटिंग के बाद
फिर आऊँगी
नए आवरणों में
नए नामों के साथ .
7 comments:
जीवन के अनेक अनुभवों की सुंदर किताब ...
प्रभावी अभिव्यक्ति ...
शुभकामनायें ज्योत्सना जी ...
bahut sundar rachna .........
Bahut achi kavita hai aunty
charan sparsh
shailu
इस "किताब" का मूल्यांकन सहज नहीं हो सकता ..क्योंकि इससे पहले अपना मूल्यांकन करना होगा. और अपने को अपने आप से पूरी ईमानदारी से स्वीकार करना सहज नहीं होता ...
इस "किताब" का मूल्यांकन सहजता से नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे पहले स्वयं को स्वयं से स्वीकार करना होगा जो कि पूरी ईमानदारी के साथ बहुत कठिन होता है..
ज्योत्सना .......वह खुली किताब है कोइ पढ़ नहीं सकता
स्नेह शीतल धार है कोइ लड़ नहीं सकता किसी सिखंडी की नहीं इनको जरुरत भीष्म का कवच फाड़ दें येसे शब्द तीर हैं
गरजता है जब इनके भाव का गांडीव
लक्ष्य भेद देती जैसे अर्जुन वीर है ...
बहुत सुन्दर शब्द और उतनी हि सुन्दर अभिव्यक्ति
Post a Comment