जाने कैसे,
रातें उड़ जाती हैं,
या परछाइयों की तरह,
घटती बढती रहती हैं,
दिन बंजर लगते हैं
या सूखे की धरती जैसे,
चटके-चटके
पर वक्त गुज़र ही जाता है
चांदनी बिखरी-बिखरी
कुछ नमी छोड़ जाती है
खुश्क होते लबों पर
फिर एक एहसास भीग जाता है
ये ख़याल और भी पुख्ता हो जाता है
कि तुम्हारी याद,
एक ज़रूरत है,
मेरे जीने के लिए!
22 comments:
behad sunar rachnaa antim panktiayn to bahut hee kamal kee hain bas rachnaa man doob sa gaya main bahar aane ka man nahee aur gaharaye ebhee khoob hai
कि तुम्हारी याद,
एक ज़रूरत है,
मेरे जीने के लिए!
अंतिम पंक्तियाँ दिल को छू गयीं.... बहुत सुंदर कविता......
dil mein utar gai aapki ye rachna :)
http://liberalflorence.blogspot.com/
Wah! kya baat hai bahut hi sundar kavita hai pad kar bahut accha laga...Badhai!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
बहुत उम्दा!!
मन पर अंकित हो गई!
--
मुझको बता दो -
"नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा! "
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संपादक : सरस पायस
jeene ke liye tum.......waah
भावनाओं को व्यक्त करने की अद्भुत क्षमता से परिपूर्ण रचना.....
बधाई हो ......
खुश्क होते लबों पर
फिर एक एहसास भीग जाता है
ये ख़याल और भी पुख्ता हो जाता है
कि तुम्हारी याद,
एक ज़रूरत है,
मेरे जीने के लिए!
Behad sundar!
खुश्क होते लबों पर
फिर एक एहसास भीग जाता है
ये ख़याल और भी पुख्ता हो जाता है.
सुंदर मष्तिष्क की कलात्मक कृति ...सुंदर रचना
:)
बेहतरीन रचना । यादें सच में जीने की कशिश पैदा करती हैं ।
बहुत सुन्दर...बधाई
बहुत ही उम्दा प्रस्तुती!!पहली बार आया.अब बार होगा आना....
bahut khoob
http://kavikulwant.blogspot.com
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होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।।
होली और मिलाद उन नबी की शुभकामनायें !
ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी...वाह.सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं. आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.
पढ़ने मे मज़ा आ रहा था लेकिन इच्छा हुई कि काश कुछ और एसे लम्हे भी होते जो एहसास की उस सीमा के पार चले जाते जो की करीब रहने, ख्वाबों में रहना और इश्क करने की झलकियों में बहा ले जाते।
लेकिन ये एहसास होना भी इसी रचना का ही हिस्सा है कि आप खुद में खो जाते हो कि "कितनी जरूरत है"
बहुत अच्छे...
कि तुम्हारी याद,
एक ज़रूरत है,
मेरे जीने के लिए!
...nice
ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है .
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