अधकचरे रिश्तों की धुंध
घने कोहरे सी छाई थी-----
उमंगों का शिथिल होना,
ठिठुरती ठण्ड के आभास जैसा
विचारों को संकुचित करता,
भावनाओं से उठती सिहरन से
कोमल मन कंपकपाता था-----
ऐसे में तुम
काँधे पे झोली लटकाए,
मेरे जीवन में रंग भरने के लिए
प्यार का हर रंग साथ लिए
नए सपने, नई आशाएं,
मोहक मुस्कान, कोमल स्पर्श का
मृदुल एहसास लिए-----
मुझमे एक गुनगुना जोश भर देते हो
तुम संता क्लॉज़ की तरह
मेरी ज़िन्दगी में आए हो
अपनी झोली के सारे उपहार
तुमने मुझे दे दिए हैं-----
इस दिसम्बर (जीवन) में,
तुम्हारे होंठों का स्पर्श
मुझे ताप से भर गया है,
सदा-सदा के लिए--------
नोट:सभी पाठकों को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें!
25 comments:
"इस दिसम्बर से जीवन में
अधकचरे रिश्तों की धुंध
घने कोहरे सी छाई थी"
दिसम्बर सा जीवन........क्या बात है|
बहुत ही अच्छे|
दिल को छू लेने वाली एक बेहद ही सुंदर कविता सुंदर भावों से भरी हुई बहोत ही बढ़िया हक़ अदा किया है आपने ज्योत्स्ना जी ..
ढेरो बधाई आपको....
अर्श
bahut hi achhi kavita hai ma'am!
padhkar dil ko achha laga![:)]
wahhh..aakhiri paragraph padhkart jaise sach main thand gayab ho gayi ho...
badhaiyan..and merry chrismas
बहुत सुंदर...आपको भी क्रिसमस की बधाई।
भावों के अनछुए पहलुओं को मानस में समेटती हुई रचना |
सम्पूर्ण स्त्रीत्व का दर्शन |
धन्यवाद |
यह सांता क्लॉज़ हमेशा तुम्हारी ज़िन्दगी में रहें,
एक स्निग्ध स्पर्श तुममें हर पल नए रंग भरे,कोई अधूरापन ना रहे..........
इस दिसम्बर में वाकई .....गुनगुनी धुप सी एक कविता है ....जो भली लगी
बेहद खूबसूरत अंदाज है आप के लेखन का...बहुत ही अच्छी रचना... शब्द चयन और भाव दोनों लाजवाब...बधाई.
नीरज
bahut acchi kavita hai
haert touching
यही आशा की .. यह Santaclause आपके जीवन में नयी आशा, नयी उमंग और नया जोश भर दे ... बहोत खूब ...
ज्योत्स्ना जी
अभिवंदन
मैं आज दूसरी बार
आपके ब्लॉग को देख
और पढ़ रहा हूँ.
" अधकचरे रिश्तों की धुंध " ,
" उमंगों का शिथिल होना "
सुंदर प्रयोग हैं.
जीवन में यदि संता क्लॉज की तरह
कोई रंग भरे तो निश्चित ही जोश
भरेगा ही.
सार्थक एवं सकारात्मकता
के साथ अग्रसर होने के
भाव बहुत अच्छे लगे.
यूँ ही अच्छे से अच्छा
लिखते रहिये,
बधाई.
आपका
विजय
मै आपके बात से पुरी तरह सहमत हूँ !पर पहले मुझे मालूम नही था लेकिन जैसे-जैसे जान पहचान बढ़ता गया और वैसे-वैसे ही हमको मालूम हुआ की ऐ पंक्तिया रश्मि जी की है!मै इसे हटाने वाला ही हूँ!
एक नया उपहार सा बन आपकी कविता मिली खिल गया ह्रदय प्रेम के रंग से रंगी यह शब्द रचना मन को चोटि हुयी ह्रदय मैं प्रवेश कर गई !! सुंदर बधाई
इस दिसम्बर से जीवन मे
अधकचरे रिश्तो की धुंध
घने कोहरे सी छाई थी....
और इस दिसम्बर मे आपका रश्मि माँ से मिलना तय था
क्योंकि आप दोनों बहन की जोड़ी रब ने बनायी है,बनायी थी......
अब तो आप खुश होंगी की jesus christ ने आपकी समस्या को समझा और उसे दूर कर दिया,आपकी ये खुशियाँ हमेशा बनी रहे !
nice poem mam...
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
ऐसे में तुम
काँधे पे झोली लटकाए,
मेरे जीवन में रंग भरने के लिए
प्यार का हर रंग साथ लिए
नए सपने, नई आशाएं,
मोहक मुस्कान, कोमल स्पर्श का
मृदुल एहसास लिए-----
मुझमे एक गुनगुना जोश भर देते हो
khubsurat abhivyakti...
सुंदर !नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये .
नव वर्ष मंगल मय हो
आपका सहित्य सृजन खूब पल्लिवित हो
प्रदीप मानोरिया
09425132060
Respected Jyotsna Ji
Your poems is very nice. I am an editor of Katha chakra famous hindi literature patrika. pls visit
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शब्दों के माध्यम से भाव और िवचार का श्रेष्ठ समन्वय िकया है आपने । अच्छा िलखा है आपने ।
आपको नववषॆ की बधाई । नया आपकी लेखनी में एेसी ऊजाॆ का संचार करे िजसके प्रकाश से संपूणॆ संसार आलोिकत हो जाए ।
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नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
bahut hi sunder rachnaa... liked the way it has been structured... shabd chayan bahut hi accha hai....
wid regards
Hi,
Today I come across with a one of the best writer group.
very nice
aapne december ki gatna ko positive bana diya
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